निजी स्कूलों की लापरवाही से अपार आईडी बनाने में पिछड़ रहे छात्र
लखनऊ। स्कूली शिक्षा विभाग द्वारा विद्यार्थियों की यूनिक पहचान के लिए अपार आईडी बनाने की प्रक्रिया में सरकारी स्कूल आगे चल रहे हैं, जबकि निजी स्कूल उदासीनता दिखा रहे हैं।
परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 1.23 करोड़ बच्चों में से 92 लाख छात्रों की अपार आईडी तैयार हो चुकी है, जो लगभग 75.20 प्रतिशत है। इसी तरह सरकारी माध्यमिक स्कूलों में 6.03 लाख में से 4.61 लाख (76.59%) विद्यार्थियों की आईडी बन चुकी है। इसके बावजूद कुल मिलाकर अभी भी लगभग 54 प्रतिशत विद्यार्थियों की अपार आईडी शेष है।
अपार आईडी के जरिए छात्र की पहचान एक ही कोड से होगी और उसके पूरे शैक्षिक रिकॉर्ड की ट्रैकिंग संभव हो सकेगी। यह व्यवस्था विद्यार्थी चाहे जिस विद्यालय में पढ़े, उसके लिए लागू होगी।
लेकिन निजी विद्यालयों में इस अभियान को लेकर उदासीनता बनी हुई है। इस पर गंभीरता दिखाते हुए स्कूली शिक्षा महानिदेशालय ने सभी जिलों के बीएसए और डीआईओएस को विशेष अभियान चलाकर अपार आईडी बनाने के निर्देश जारी किए हैं।