सरयू पांचवीं बार खतरे के निशान से ऊपर, भोजपुरवा में कटान से दो मकान संकट में
बलिया। सरयू नदी का जलस्तर फिर से बढ़ने लगा है और इस सीजन में पांचवीं बार खतरे के निशान को पार कर गया है। गुरुवार सुबह डीएसपी हेड पर जलस्तर 64.28 मीटर तथा चांदपुर गेज पर 58.63 मीटर दर्ज किया गया। जलस्तर बढ़ने के साथ ही भोजपुरवा गांव में कटान तेज हो गया है। हालात इतने बिगड़े कि बीरबहादुर और परमेश्वर के मकान अब नदी के बिल्कुल किनारे पहुंच गए हैं। परिवार अपने घर-आंगन छोड़कर सुरक्षित ठिकानों की तलाश में जुट गए हैं।
पलायन को मजबूर परिवार
गांव के निवासी बीरबहादुर ने कहा, “नदी का पानी अब आंगन तक आ गया है। हम रातभर जागकर घर की रखवाली कर रहे हैं। बच्चों और सामान को सुरक्षित भेजना पड़ रहा है।”
वहीं परमेश्वर ने कहा, “खेती पहले ही नदी में समा गई। अब घर भी संकट में है। सरकार से उम्मीद है कि हमें कहीं सुरक्षित स्थान पर बसाया जाएगा।”
उपजाऊ जमीन नदी में समाहित
पिछले दो वर्षों में सरयू नदी ने हजारों एकड़ उपजाऊ खेतों को अपनी धारा में समाहित कर लिया है। कटान की चपेट में आने से किसानों की आजीविका पर गहरा असर पड़ा है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर कटान इसी तरह जारी रहा तो भोजपुरवा समेत आसपास के कई गांव पूरी तरह उजड़ जाएंगे।
चारे की किल्लत से बढ़ी चिंता
कटान और बाढ़ से खेत डूब जाने के कारण पशुओं के लिए चारे की भारी किल्लत हो गई है।
गांव के बुजुर्ग हीरालाल ने कहा, “अब न खेत बचा है, न भूसा। मवेशियों को खिलाने के लिए कुछ नहीं है। अगर जल्द चारे की व्यवस्था नहीं हुई तो पशु भी मर जाएंगे।”
कई गांव संकट की चपेट में
भोजपुरवा के अलावा कोलकाला, रेगहा, चितबिसांव खुर्द, रामपुर नंबरी और चांदपुर,भोज छपरा समेत दर्जनों गांव बाढ़ और कटान की चपेट में हैं। ग्रामीण लगातार पलायन कर रहे हैं और सुरक्षित स्थानों की तलाश कर रहे हैं।
प्रशासन की निगरानी
एसडीएम अभिषेक प्रियदर्शी ने कहा कि प्रशासन कटानग्रस्त क्षेत्रों की लगातार निगरानी कर रहा है। उन्होंने बताया, “अधिशासी अभियंता की टीम के साथ सर्वे कराया जा रहा है। प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और राहत सामग्री उपलब्ध कराने की कार्रवाई की जा रही है। पशुओं के चारे की भी व्यवस्था की जा रही है, ताकि ग्रामीणों को और कठिनाई न हो।”