Ballia: फसल पराली जलाने पर किसानों से वसूला जाएगा जुर्माना, खेतों में अवशेष प्रबंधन के सख्त निर्देश
बलिया। पर्यावरण संरक्षण और वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के उद्देश्य से बलिया जनपद प्रशासन ने पराली जलाने पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश जारी किए हैं। उप कृषि निदेशक मनीष कुमार सिंह ने बताया कि खेतों में पराली जलाने वाले किसानों पर पर्यावरणीय प्रतिकर (जुर्माना) लगाया जाएगा। इसके लिए शासन स्तर से स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। जिसमें दो एकड़ से कम भूमि वाले कृषक पराली जलाने पर ₹5,000 प्रति घटना का पर्यावरणीय प्रतिकर देना होगा। दो से पांच एकड़ भूमि वाले कृषक पर ₹10,000 प्रति घटना का प्रतिकर लगेगा। पांच एकड़ से अधिक भूमि वाले कृषक को ₹30,000 प्रति घटना का प्रतिकर अदा करना होगा।
उप कृषि निदेशक ने बताया कि धान की कटाई के समय सभी कम्बाइन हार्वेस्टरों में सुपर एसएमएस उपकरण लगाना अनिवार्य होगा। कटाई के बाद किसानों को सुपर सीडर, हैपी सीडर, मल्चर, पैडी स्ट्रॉ चॉपर, श्रेडर, रोटरी स्लेशर, जिरोटिल सीड कम फर्टी ड्रिल आदि यंत्रों से फसल अवशेष का प्रबंधन करना होगा। उन्होंने बताया कि पराली जलाने के बजाय किसान क्राप रीपर, बेलर या रेक मशीन से अवशेष एकत्र कर सकते हैं, जिसे पशु चारा, कम्पोस्ट खाद, बायो-कोल, बायो फ्यूल या सीबीजी प्लांट में उपयोग किया जा सकता है। साथ ही खेतों में अवशेष को सड़ाने के लिए पानी भरकर यूरिया का छिड़काव भी किया जा सकता है, जिससे पराली शीघ्र खाद में परिवर्तित हो जाती है। साथ ही पराली को एकत्र कर नजदीकी गौशालाओं में भेजा जाए, जिससे उसे पशु चारे के रूप में उपयोग किया जा सके। राजस्व ग्राम के लेखपालों को अपने क्षेत्र में पराली जलाने की घटनाएं रोकने की जिम्मेदारी दी गई है, अन्यथा उन पर भी कार्रवाई की जाएगी।
इसी प्रकार थाना प्रभारियों को भी प्रभावी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं ताकि किसी भी दशा में खेतों में फसल अवशेष न जलाया जाए। जनपद स्तर पर अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) तथा तहसील स्तर पर उप जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समितियां कटाई से लेकर रबी बुवाई तक पराली प्रबंधन की निगरानी करेंगी। उप जिलाधिकारी के प्रवर्तन में गठित सचल दस्ता (फ्लाइंग स्क्वॉड) को यह अधिकार दिया गया है कि घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचकर संबंधित किसान से क्षतिपूर्ति की वसूली की जाए। साथ ही निर्देश दिया गया है कि जनपद में चलने वाले प्रत्येक कम्बाइन हार्वेस्टर की निगरानी कृषि विभाग व ग्राम्य विकास विभाग के कर्मी करेंगे। यदि कोई मशीन बिना सुपर एसएमएस या फसल अवशेष प्रबंधन उपकरण के पाई जाती है तो उसे तत्काल सीज कर दिया जाएगा और मालिक के खर्चे पर उपकरण लगवाने के बाद ही छोड़ा जाएगा। उप कृषि निदेशक ने किसानों से अपील की है कि वे पराली न जलाएं, बल्कि फसल अवशेष प्रबंधन तकनीकों का उपयोग कर भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाएं और पर्यावरण की रक्षा में योगदान दें।
❤️ Support Independent Journalism
बड़े मीडिया संस्थान अपने ख़र्चों के लिए विज्ञापनों और बड़े बजट पर निर्भर रहते हैं। लेकिन Ballia Post एक ग्राउंड-लेवल प्लेटफ़ॉर्म है — जहाँ हम स्थानीय खबरें बिना किसी पक्षपात के पहुँचाने में विश्वास रखते हैं। आपका छोटा सहयोग हमें स्वतंत्र और निष्पक्ष बने रहने की ताकत देता है।
UPI ID: 9839715373@okbizaxis
आपका प्रत्येक सहयोग हमें और बेहतर कार्य करने की प्रेरणा देता है।
