निजी अस्पताल में प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत, परिजनों का हंगामा, अस्पताल सील
बलिया। नगरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से सटे एक निजी अस्पताल में सोमवार की सुबह प्रसव के दौरान 40 वर्षीय महिला और उसके बच्चे की मौत हो गई। घटना से आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल के सामने जच्चा-बच्चा का शव रखकर जमकर हंगामा किया और अस्पताल संचालक पर कार्रवाई व मुआवजे की मांग करने लगे।
सूचना मिलने पर एसडीएम रसड़ा रवि कुमार और सीओ आलोक गुप्ता मौके पर पहुंचे और परिजनों को समझा-बुझाकर मामला शांत कराया। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मामले की जानकारी होने पर स्वास्थ्य विभाग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए अस्पताल को सील कर दिया।
क्या है मामला
कसेसर गांव निवासी मंगरू राम की पत्नी संगीता कुमारी (40) सुरक्षित प्रसव के लिए पिछले तीन माह से अपने मायके देवढ़िया गांव में ठहरी थीं। रविवार की सुबह प्रसव पीड़ा होने पर परिजन उन्हें एक निजी अस्पताल ले गए। अस्पताल के चिकित्सक ने नॉर्मल प्रसव की बात कहकर संगीता को भर्ती कर लिया।
परिजनों का आरोप है कि रात में दर्द न बढ़ने के बावजूद चिकित्सक ने दो इंजेक्शन लगाए और जबरदस्ती प्रसव कराने की कोशिश की। काफी मशक्कत के बाद बच्चे का जन्म हुआ। हालांकि, इसके कुछ देर बाद ज्यादा खून बहने से महिला की हालत बिगड़ने लगी।
इसके बाद, चिकित्सक ने मऊ के एक डॉक्टर को 17 हजार रुपये पर बुलाकर ऑपरेशन कराया। परिजनों के पूछने पर चिकित्सक ने हालत ठीक होने का आश्वासन दिया। मऊ के डॉक्टर के जाने के बाद, अस्पताल संचालक ने तड़के तीन बजे एंबुलेंस बुलाकर बेहतर इलाज के लिए संगीता को मऊ रेफर कर दिया।
रास्ते में मौत, अस्पताल पर प्रदर्शन
दुर्भाग्यवश, मऊ ले जाते समय रास्ते में ही संगीता और उसके नवजात बच्चे की मौत हो गई। आक्रोशित परिजन शव लेकर वापस निजी अस्पताल पहुंचे तो वहां ताला बंद मिला। इसके बाद, परिजनों ने जच्चा-बच्चा का शव अस्पताल के बाहर रखकर अस्पताल संचालक व डॉक्टर पर कार्रवाई की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया।
मृतका की मां ने आरोप लगाया कि चिकित्सक ने जबरदस्ती प्रसव कराया, जिससे उनकी बेटी की हालत खराब हुई। उन्होंने यह भी कहा कि बच्चे की मौत तो पहले ही हो गई थी, लेकिन उन्हें देर से बताया गया।
छह घंटे बाद शांत हुआ मामला
सूचना पर पहुंचे एसडीएम रवि कुमार व सीओ आलोक कुमार ने परिजनों को कार्रवाई का आश्वासन दिया, लेकिन परिजन तुरंत मानने को तैयार नहीं थे। लगभग छह घंटे की लंबी बातचीत और समझाने-बुझाने के बाद परिजन शांत हुए और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजवाया गया।
सीओ आलोक कुमार ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने और तहरीर मिलने पर संबंधित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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